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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday 30 April 2013

श्री साईं लीलाएं - दाभोलकर के मन की बात

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. सब के प्रति प्रेम भाव रखो


श्री साईं लीलाएं


दाभोलकर के मन की बात

Monday 29 April 2013

श्री साईं लीलाएं - सब के प्रति प्रेम-भाव रखो


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. माँ! मेरे गुरु ने तो मुझे केवल प्यार करना ही सिखाया है
श्री साईं लीलाएं
सब के प्रति प्रेम-भाव रखो

Sunday 28 April 2013

श्री साईं लीलाएं - माँ! मेरे गुरु ने तो मुझे केवल प्यार करना ही सिखाया है

ॐ सांई राम


कल हमने पढ़ा था.. साठे पर बाबा की कृपा


श्री साईं लीलाएं


माँ! मेरे गुरु ने तो मुझे केवल प्यार करना ही सिखाया है

Saturday 27 April 2013

श्री साईं लीलाएं - साठे पर बाबा की कृपा

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. छिपकली बहनों का मिलन


श्री साईं लीलाएं

साठे पर बाबा की कृपा

Friday 26 April 2013

श्री साईं लीलाएं - छिपकली बहनों का मिलन

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. चोलकर को शक्कर की चाय पिलाओ


श्री साईं लीलाएं


छिपकली बहनों का मिलन

Thursday 25 April 2013

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 20



ॐ सांई राम

आप सभी को वर्ल्ड ऑफ साँईं ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है|
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 20
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विलक्षण समाधान . श्री काकासाहेब की नौकरानी द्घारा श्री दासगणू की समस्या का समाधान ।
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श्री. काकासाहेब की नौकरानी द्घारा श्री. दासगणू की समस्या किस प्रकार हल हुई, इसका वर्णन हेमाडपंत ने इस अध्याय में किया है ।

Wednesday 24 April 2013

श्री साईं लीलाएं...चोलकर को शक्कर की चाय पिलाओ


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था..दासगणु की वेशभूषा

श्री साईं लीलाएं...



चोलकर को शक्कर की चाय पिलाओ

अब तक साईं बाबा का प्रसिद्धि पूना और अहमदनगर तक फैल चुकी थी| दासगणु के मधुर कीर्तन के कारण बाबा का यश कोंकण तक व्याप्त हो चुका था| लोगों को उनका कीर्तन करना बहुत अच्छा लगता था और उनके कीर्तन का प्रभाव लोगों के हृदयों पर गहरे तक पड़ता था|

एक बार श्रोताओं के कहने पर महाराज ठाणे के कौपीनेश्वर मंदिर में कीर्तन करते हुए साईं बाबा का गुणगान कर रहे थे| श्रोताओं में एक चोलकर नाम का व्यक्ति भी उपस्थित था| वह ठाणे की दीवानी अदालत में अस्थायी कर्मचारी था|
उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी| चोलकर दासगणु महाराज का कीर्तन सुनकर बड़ा प्रभावित हुआ| उसने मन-ही-मन बाबा के श्री चरणों में प्रणाम किया और साईं प्रार्थना की कि - "हे साईं बाबा ! मेरी हालत से आप परिचित हैं|
परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किल से हो पाता है| यदि आपकी कृपा से मैं विभागीय परीक्षा में सफल हो गया तो आपके चरण-कमलों में उपस्थित होकर आपके नाम से मिश्री का प्रसाद बांटूंगा|"

चोलकर विभागीय परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया और वो स्थायी कर्मचारी हो गया| अपनी मनन्त याद होते हुए भी वह हालात की वजह से शिरडी न जा सका| एक तरफ गरीबी और दूसरी तरफ बड़ा परिवार| ऐसे में शिरडी जाने के लिए पैसा इकट्ठा करना बहुत मुश्किल कार्य था| लेकिन जब दिन पर दिन बीतने लगे तो वह बेचैनी बढ़ती जा रही थी| आखिर में उसने एक कठोर निर्णय किया| उसने शक्कर खाना छोड़ दी और चाय भी फीकी पीने लगा| अन्य खर्चे भी कम कर दिये|

इस तरह पैसा जोड़कर वह एक दिन शिरडी पहुंचा| शिरडी में पहुंचकर बाबा के श्री चरणों में प्रणाम करके अपनी मनन्त बताकर वहां उपस्थित सभी भक्तों में मिश्री का प्रसाद बांट दिया| फिर बाबा से बोला - "बाबा आपकी कृपा-आशीर्वाद से मेरी मनोकामना पूर्ण हो गयी और आज आपके दर्शन कर मैं धन्य हो गया|"

उस समय बापू साहब जोग भी वहां पर उपस्थित थे| उन्होंने चोलकर का आतिथ्य किया था| जब वे दोनों मस्जिद से जाने लगे तो बाबा ने बापू साहब जोग से कहा, अपने मेहमान को चाय में खूब शक्कर मिलाकर पिला| चोलकर ने जब बाबा के श्रीमुख से ये वचन सुने तो उसका दिल भर आया और आँखों से आँसू बहने लगे| वह भावविह्वल हो बाबा के चरणों में गिर पड़ा| बापू साहब हैरान थे कि बाबा के कहने का मतलब क्या हैं? बाबा के कहने का संकेत यह था कि उन्हें चोलकर द्वारा शक्कर छोड़ने के बारे में पता है|


कल चर्चा करेंगे... छिपकली बहनों का मिलन

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

Tuesday 23 April 2013

श्री साईं लीलाएं - दासगणु की वेशभूषा


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था..रतनजी शापुरजी की दक्षिणा

श्री साईं लीलाएं

दासगणु की वेशभूषा

Monday 22 April 2013

श्री साईं लीलाएं - रतनजी शापुरजी की दक्षिणा


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था..ऊदी और आशीर्वाद का चमत्कार

श्री साईं लीलाएं
रतनजी शापुरजी की दक्षिणा


Sunday 21 April 2013

श्री साईं लीलाएं - ऊदी और आशीर्वाद का चमत्कार


ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था..मूंगफली से अतिसार से मुक्ति


श्री साईं लीलाएं


ऊदी और आशीर्वाद का चमत्कार

Saturday 20 April 2013

श्री साईं लीलाएं - मूंगफली से अतिसार से मुक्ति


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. बूटी का रोग छूमंतर

श्री साईं लीलाएं


मूंगफली से अतिसार से मुक्ति

Friday 19 April 2013

Ramanavami, the Festival of Rama’s Birth at Shirdi


ॐ सांई राम

Introduction:

All the festivals are celebrated in Shirdi, but the three important festivals are, Ramanavami, Guru Poornima and Vijayadashmi. These are celebrated with great pomp and show. Each is a three-day event and the temples are decorated beautifully with lights, shamianas and look like heaven. In the evenings there are cultural programmes and bhajans by famous artists. There is annadan on the main utsav day of these three festivals. The Prasadalaya serves free meals.

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18


श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18. मोक्षसंन्यासयोग
गुणों की महिमा (अध्याय 18 शलोक 1 से 12)

अर्जुन बोले :
संन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्।
त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन॥१८- १॥
हे महाबाहो, हे हृषीकेश, हे केशिनिषूदन, मैं संन्यास और त्याग (कर्म योग) के सार को अलग अलग जानना चाहता हूँ।

Thursday 18 April 2013

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 18/19



ॐ सांई राम

आप सभी को वर्ल्ड ऑफ साईं ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं, हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 18/19 -
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श्री हेमाडपंत पर बाबा की कृपा कैसे हुई । श्री साठे और श्रीमती देशमुख की कथा, आनन्द प्राप्ति के लिये उत्तम विचारों को प्रोत्साहन, उपदेश में नवीमता, निंदा सम्बंधी उपदेश और परिश्रम के लिए मजदूरी ।
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Wednesday 17 April 2013

श्री साईं लीलाएं - बिना दवाई के कर्णपीड़ा ठीक हो गयी

ॐ सांई राम


कल हमने पढ़ा था.. बूटी का रोग छूमंतर


श्री साईं लीलाएं


बिना दवाई के कर्णपीड़ा ठीक हो गयी

Tuesday 16 April 2013

श्री साईं लीलाएं - बूटी का रोग छूमंतर

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. बाबा जी का विचित्र आदेश


श्री साईं लीलाएं


बूटी का रोग छूमंतर

Monday 15 April 2013

श्री साईं लीलाएं - बाबा जी का विचित्र आदेश

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. जो मस्जिद में आया, सुखी हो गया


श्री साईं लीलाएं


बाबा जी का विचित्र आदेश

Sunday 14 April 2013

श्री साईं लीलाएं - जो मस्जिद में आया, सुखी हो गया

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. डॉक्टर को बाबा में श्री राम के दर्शन


श्री साईं लीलाएं


जो मस्जिद में आया, सुखी हो गया

Saturday 13 April 2013

शिर्डी में काला बाज़ारी...


ॐ सांई राम


शिर्डी में काला बाज़ारी...


जितने भी भक्त शिर्डी में बाबा जी के दर्शनों के लिये जाते है, उन्हे आज कल एक नई और बहुत ही भयानक बीमारी का सामना करना पड़ रहा है, और वो बीमारी है काला बाज़ारी, शिर्डी के दुकानदारो ने एक अपना ही कानून बना रखा है जिससे ऐसा व्यतीत होता है की हम हिन्दुस्तान की सरहद पार कर के किसी दूसरे मुल्क मे आ पहुँचे है, अभी हाल ही में 27 मार्च से 29 मार्च तक मुझे शिर्डी मे बाबा जी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ, पर बाबा जी के दर्शनों को छोड़ कर सब कुछ ही विचित्र सा विस्मित हुआ, ऐसा लगा जैसे की मैं वीसा ले कर किसी तानाशाह देश के भ्रमण हेतु पधारा हू..


सभी कुछ सामान तो वहाँ के दुकानदार अपनी मर्ज़ी के दामों पर सरेआम बेचतें है, जैसे की हर इंसान के जरूरत की मूल वस्तु पानी को ही ले लिजिये.. प्रिंट रेट अगर 12 का है तो वो लोग आपसे 15 रूपयें वसूलते है.. एक उदाहरण और लिजिये.. मैने एक भोजनालय से thums up की 500 मि. ली. की बोतल मांगी तो उन जनाब ने मुझसे 35 रूपये की मांग की जब मैने उस बोतल पर अंकित अधिकतम खुद्रा मुल्य (25 रूपये ) के बारे में उन्हे अवगत करवाया तो कहने लगे की आपको यदि लेना हो तो लो वरना रहने दो, जैसा की हमारे देश का कानून कहता है की अधिकतम खुद्रा मूल्य से अधिक दाम दे कर कुछ भी सामान ना ले, इस पर मैने भी उनसे इस जानकारी से अवगत करवाने और उनको इस बात से परिचित होने के लिये कहा तो उन्होने कहा की हमें इन सब से कुछ मतलब नहीं अपितु उन्होने मुझसे thums up की बोतल छीन ली, मैने भी अपने अधिकारो को इस्तेमाल् करने हेतु उन से उस रकम का बिल माँगा, तो और अधिक ताज्जुब हुआ यह जान कर कि काला बाज़ारी का ज़हर इस हद तक उन लोगो की नसों मे घर कर चुका है की 25 रूपये की वस्तु को वो सरेआम 35 रूपये में बेच रहे है और जब उनसें उसका बिल माँगा गया तो उन 35 रूपये पर भी TAX की बात ने मुझे और चौँका दिया..

कौन से देश का कानून है जिसे शिर्डी के दुकानदार अपनी मर्जी से अपना कर अपना ही एक नया देश बना कर भोले भाले भक्तों की जरूरत का फायदा उठा रहे है...


ऐसा ही एक और वाकिया मेरे साथ हुआ जब मेरी बच्ची ने मुझसे MAAZA की बोतल की मांग की, उस बोतल पर भी कुछ ऑफर था जिसमें 10 रूपये की छूट थी पर जनाब उस दूकानदार ने तो मुझे नई english पढ़वाई, कहा की 40 रूपये के खुद्रा मूल्य से 10 रूपये अधिक देने होंगे और फिर भी जनाब ने मुझसें 60 रूपये की मांग कर डाली, मैने भी अनपढ़ बनते हुये कहा कि भाई साहाब आप तो आपके हिसाब से भी 10 रूपये अधिक की मांग कर रहे थे, तो कहने लगे की यहा वैसे ऐसे ही सब कुछ तय मूल्य से अधिक दामों पर मिलता है..

अब एक दो उदाहरण हो तो बोलूँ, अब आप भी एक बार वीसा लेकर शिडी के दर्शन कर आईये..


जिन लोगों ने बाबा जी के जीवन काल में बाबा जी का सम्मान नहीं किया जो परमपिता परमेश्वर तो है ही एवम तीनो लोकों के स्वामी भी है.. तो आप उनसें किसी भी तरह की इंसानियत की उम्मीद तो ना रखियेगा.. जिन लोगो को आज भी बाबा जी के आशिर्वाद से रोज़ी-रोटी नसीब हुई है वो भी अपनी रंगत दिखा रहे है... और जो बाहर से आ कर वहाँ पर अपना कारोबार शुरू करता है वो भी उन्हीं के रंग मे रंग कर वहाँ पहुँचे बाबा जी के प्रिये भक्तों को अपना शिकार बनाते है...


क्या कोई है जो मेरे साथ इस बात को शिर्डी संस्थान के साथ-साथ, भारत सरकार के कानों तक इस कालाबाज़ारी की बीमारी के इलाज़ की गुहार लगा सकें..

यह मैने अपने लिये नही लिखा है, अपितु उन भक्तों के लिये लिखा है जो इन सब से परेशान तो है पर लाचार भी है......


किसी को आहत ना करने की ठानी दी पर किसी का दिल दुखा हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ..


ॐ साँई राम जी


आनन्द साँई

श्री साईं लीलाएं - डॉक्टर को बाबा में श्री राम के दर्शन

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. मुले शास्त्री को बाबा में गुरु-दर्शन


श्री साईं लीलाएं


डॉक्टर को बाबा में श्री राम के दर्शन

Friday 12 April 2013

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17


श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17. श्रद्धात्रयविभागयोग
घोर तप वर्णन (अध्याय 17 शलोक 1 से 6)

अर्जुन बोले :
ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।
तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः॥१७- १॥
हे कृष्ण। जो लोग शास्त्र में बताई विधि की चिंता न कर, अपनी श्रद्धा अनुसार यजन (यज्ञ) करते हैं, उन की निष्ठा कैसी ही - सातविक, राजसिक अथवा तामसिक।

Thursday 11 April 2013

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 8



ॐ सांई राम

आप सभी को वर्ल्ड ऑफ साईं ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |

हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 8
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मानव जन्म का महत्व, श्री साईबाबा की भिक्षा-वृत्ति, बायजाबई की सेवा-शुश्रूशा, श्री साईबाबा का शयनकक्ष, खुशालचन्त पर प्रेम ।
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जैसा कि गत अध्याय में कहा गया है, अब श्री हेमाडपन्त मानव जन्म की महत्ता को विस्तृत रुप में समझातेहैं । श्री साईबाबा किस प्रकार भिक्षा उपार्जन करते थे, बायजाबाई उनकी किस प्रकार सेवा-शुश्रूशा करती थी, वे मसजिद में तात्या कोते और म्हालसापति के साथ किस प्रकार शयन करते तथा खुशानचन्द पर उनका कैसा स्नेह था, इसका आगे वर्णन किया जायेगा ।

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.